बुधवार, 25 अक्तूबर 2023

 आज मेरा मन बहुत विचलित है ना मालूम क्यों क्या मेरे प्रभु मुझसे नाराज है और यदि नाराज भी है तो होने दो अपने ही तो नाराज होते हैं वह गैर तो नहीं मेरी मां भी मुझसे नाराज होती थी आज बहन भी नाराज होती है पत्नी तो  प्राय  नाराज ही रहती है उन लोगों को छोड़ तो नहीं दिया क्योंकि परिवार है जिसने परिवार को ही बनाया है क्या उसको छोड़ देना उचित होगा मेरे दृष्टिकोण से नहीं जैसा भी है मेरा प्रभु यदि नाराज भी रहा तो यूं ही चला जाऊंगा उसके पास उसके पास जाकर कुछ मन की बात तो करूंगा लेकिन  बुला ही नहीं रहा




































हे प्रभु आपको पुनः नमन लाज आपके ही हाथ में